अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है बावजूद इसके राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने कमर कस ली है। विश्व हिन्दू परिषद की निगरानी में बुधवार को पत्थर से लदे तीन ट्रक अयोध्या लाए गए हैं। इन ट्रकों में सवा दो सौ टन पत्थऱ हैं जिन्हें रामसेवकपुरम में रखा गया है। योगी राज में ये दूसरा मौका है जब पत्थऱों की खेप अयोध्या पहुंची हैं। वरिष्ठ विहिप नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर से दो ट्रक पत्थर अयोध्या पहुंच चुके हैं, लेकिन मंदिर के लिए हमें 100 ट्रक से ज्यादा पत्थरों की आवश्यकता होगी. बाकि के पत्थर की सप्लाई भी आने वाले एक या दो दिनों में हो जाएगी. पांडेय ने कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए अब मंदिर निर्माण में कोई रुकावट सामने नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि एक महीने पहले हमने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी से संपर्क किया और उन्होंने एक साल से रोके गए फॉर्म 39 को तुरंत जारी कर दिया. आपको बतादें कि अयोध्या में नब्बे के दशक से ही पत्थर लाने का काम जारी है। साल 2007 तक मंदिर निर्माण के लिए लगातार पत्थर आए। इसके बाद कभी राजस्थान सरकार के खदानों के नियम बदलने की वजह से पत्थर आने में रुकावट हुई तो कभी यूपी सरकार के नियम इसके आड़े आए। 2015 में भी पूरे देश से पत्थरों को एकत्र करने की ऐसी कोशिश हुई थी. उस समय तत्कालीन समाजवादी सरकार ने दो ट्रक पत्थरों के आने के बाद उस पर रोक लगा दी थी. वाणिज्य कर विभाग ने पत्थरों को लाने के लिए फॉर्म 39 जारी करने से इनकार कर दिया था. लेकिन अब ये फॉर्म जारी कर दिया है। जिसके बाद अब यहां हलचल बढ़ गई है http://dblive.tv/ http://www.deshbandhu.co.in/
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